Wednesday 5 April 2017

दिल्ली सरकार के स्कूलों में आधार व बैंक खातों को दाखिले में अनिवार्य शर्त करने के विरोध में

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Øe lañ  लो.शि.मं/01/अप्रैल@2017                                         fnukad % 01/04/2017


प्रति
शिक्षा मंत्री
दिल्ली सरकार
दिल्ली

विषय: दिल्ली सरकार के स्कूलों में आधार व बैंक खातों को दाखिले में अनिवार्य शर्त करने के विरोध मेंI

महोदय,

लोक शिक्षक मंच शिक्षकों, शिक्षा के विद्यार्थियों व शिक्षा के क्षेत्र में शोध करने वाले व्यक्तियों का समूह है जो कि सार्वजानिक शिक्षा व्यवस्था के मजबूतीकरण के लिए प्रतिबद्ध हैI हम दिल्ली सरकार के स्कूलों में सत्र 2017-18 में दाखिले के लिए बच्चों के आधार कार्ड व बैंक में खाते होने को अनिवार्य शर्त बनाये जाने का पुरजोर विरोध करते हैंI इससे स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का भी बहुत गंभीर नुकसान हो रहा है क्योंकि उनकी कक्षायें सत्र के पहले दिवस, एक अप्रैल से शुरु नहीं की जा रही हैं और उन्हें तब स्कूल आने के लिए कहा जा रहा है जब वो ये दस्तावेजी औपचारिकतायें पूरी कर लेंI ऐसा तब भी हो रहा है जब वो तय फीडर स्कूल में निगम स्कूलों की पाँचवीं कक्षा से पढ़कर, वहाँ से स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र और रिपोर्ट कार्ड लेकर आ रहे हैंI स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए बच्चों पर आधार कार्ड और बैंक खाते की शर्त थोपने वैसे भी ग़ैर-कानूनी हैI एक तो यह शिक्षा अधिकार कानून (2009) का सरासर उल्लंघन है जोकि सभी बच्चों को दाखिला और शिक्षा देने का संवैधानिक वादा करता है, भले ही उनके पास दस्तावेज़ हो या न होI दूसरे, यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उन आदेशों की अवमानना भी है जिनमें लगातार यह कहा गया है कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से किसी को भी उसके हकों व सामाजिक कल्याण की सेवाओं से वंचित नहीं किया जाना चाहिएI बच्चों की पढ़ाई का किसी दस्तावेज़ से कोई तार्किक या व्यावहारिक संबंध नहीं हैI बच्चे स्कूलों में मुख्यतः शिक्षा ग्रहण करने आते हैं और उनके आधार कार्ड या बैंक खाते का उनकी शिक्षा से कोई लेना-देना नहीं हैI हम इस लांछित व अपमानित करने वाले आग्रह को पूरी तरह नकारते हैं कि अभिभावकों के रूप में मेहनतकश लोग या विद्यार्थियों के रूप में उनके बच्चे धोखे या बेईमानी से जनकोष से अनुचित/दोहरे लाभ उठाते हैं और इसे पकड़ने के लिए उनका जबरन आधार में नामांकन कराना चाहिएI हमारा मानना है कि इस तरह के प्रशासनिक आदेशों से सरकारी स्कूलों में नामांकन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, खासतौर से वंचित वर्गों के बच्चे शिक्षा से महरूम हो जायेंगे और सार्वजनिक स्कूलों के प्रति अभिभावकों में प्रताड़ित होने का बोध मज़बूत होगाI इसी तरह अप्रैल माह में ही प्रवेश के लिए एक तरह से ‘अंतिम तिथि’ घोषित करना भी शिक्षा अधिकार कानून का उल्लंघन हैI इसमें भी अभिभावकों के प्रताड़ित होने व बच्चों के शिक्षा से वंचित हो जाने की प्रबल संभावना निहित हैI 

उपरोक्त संदर्भ में हम माँग करते हैं कि दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों को तत्काल प्रभाव से ये आदेश जारी किये जाएँ कि वो दाखिले का आवेदन कर रहे किसी भी बच्चे पर आधार कार्ड या बैंक खाता होने की शर्त न थोपें और इनकी अनुपलब्धता पर किसी भी बच्चे को प्रवेश देने से मना न करेंI हम यह माँग भी करते हैं कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रवेश की प्रक्रिया सरल की जाये और उसे डिजिटल व अन्य प्रकार की औपचारिकताओं में उलझाया न जाये जिससे कि निगम के स्कूलों की पाँचवीं कक्षा से पढ़कर आ रहा एक भी बच्चा पुशआउट (स्कूलों से बाहर) न हो, विद्यार्थियों की कक्षाएँ एक अप्रैल से सुनिश्चित की जा सकें तथा उनके अभिभावकों को प्रताड़ित न होना पड़ेI

धन्यवाद सहित

सदस्य, संयोजक समिति             सदस्य, संयोजक समिति
लोक शिक्षक मंच                   लोक शिक्षक मंच
 
प्रतिलिपि:

1.       दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग
2.       निदेशक, शिक्षा निदेशालय

3.       GSTA           

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