Wednesday 28 February 2018

स्कूलों में शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक हाज़िरी व कक्षाओं में सीसीटीवी लगाने के अपमानजनक फरमानों के विरोध में


क्रम सं. लो.शि.मं./01/फ़रवरी/2018                                दिनांक: 27 फ़रवरी, 2018

प्रति
शिक्षा मंत्री,
दिल्ली सरकार
दिल्ली I

विषय: स्कूलों में शिक्षकों के लिए बायोमेट्रिक हाज़िरी व कक्षाओं में सीसीटीवी लगाने के अपमानजनक फरमानों के विरोध मेंI

महोदय,
लोक शिक्षक मंच, जोकि शिक्षकों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का संगठन है, आपके समक्ष दिल्ली सरकार के स्कूलों से जुड़े दो हालिया फ़ैसलों का विरोध दर्ज करता हैI सर्वप्रथम, शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी एक ताज़ा आदेश के अनुसार सभी स्कूलों को एक माह के अंदर शिक्षकों की हाज़िरी दर्ज करने के लिए ‘आधार’-आधारित बायोमेट्रिक उपकरण लगाने को कहा गया हैI ऐसे में जबकि सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ‘आधार’ की वैधानिकता पर ही सुनवाई कर रही है, आपका यह आदेश कहीं से भी उचित नहीं हैI इस तरह के आदेश से यह स्पष्ट है कि सरकार का प्रधानाचार्यों व शिक्षकों पर भरोसा नहीं हैI क्या शिक्षकों व प्रधानाचार्यों पर अविश्वास और उन्हें दरकिनार करके शिक्षा में किसी ‘क्रांति’ की कल्पना की जा सकती है? बायोमेट्रिक हाज़िरी की प्रक्रिया न सिर्फ़ निजता का उल्लंघन है, बल्कि अपमानजनक भी हैI साथ ही, ‘आधार’ को लागू करने से सरकार को यूआईडीएआई को भुगतान करना पड़ेगा जोकि जनता के धन का अपव्यय होगाI
दूसरी ओर, सुरक्षा व शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के नाम पर कक्षाओं में सीसीटीवी लगाने की घोषणा की गई हैI हमारा मानना है कि ऐसा करने से न सिर्फ सुरक्षा व शिक्षा को सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है, बल्कि सीसीटीवी लगाकर इन अहम मुद्दों की भ्रमित करने वाली व्याख्या को ही मज़बूती मिलेगीI इस संदर्भ में यह भी कहा गया है कि कक्षा की लाइव फ़ीड विद्यार्थियों के अभिभावकों के पास उपलब्ध होगीI ऐसा करने से बच्चों पर पढ़ाई के साथ-साथ उनके आपसी व्यवहार को लेकर भी बहुधा संकुचित सोच रखने वाले परिवारों का अनुचित दबाव बढ़ेगाI क्या इस फ़ीड के दुरुपयोग की संभावना से भी इंकार किया जा सकता है? विद्यार्थियों से यह पूछने की ज़हमत नहीं उठाई गई है कि वो इस बारे में क्या सोचते/सोचती हैंI उनकी गतिविधियों, सचेत-अचेतन पलों को रिकॉर्ड करना और फिर उन्हीं की सुरक्षा व शिक्षा के नाम पर सार्वजनिक कर देना कहीं से भी न्यायोचित नहीं हैI यह बच्चों के निजता के अधिकार का हनन है, जबकि विद्यार्थियों के सभी अधिकारों की हिफ़ाज़त करना सरकार की ज़िम्मेदारी हैI दूसरी तरफ़, कक्षाओं में सीसीटीवी लगाने का साफ अर्थ शिक्षकों पर अविश्वास करके हम शिक्षकों पर चौकीदार बिठाना हैI ऐसा निगरानी भरा माहौल शिक्षण के लिए कदापि अनुकूल नहीं हो सकता हैI हाँ, चारों ओर सीसीटीवी लगाने से निजी सुरक्षा की कंपनियों के बाज़ार का विस्तार ज़रूर होगाI
हमारा मानना है कि उपरोक्त दोनों फ़ैसले स्कूलों में यांत्रिकता को बढ़ावा देकर शिक्षा के मूल चरित्र को गंभीर नुकसान पहुँचायेंगेI शिक्षा एक सजीव व मानवीय संबंधों पर आधारित प्रक्रिया है, जबकि आपके फ़ैसले इसे एक मशीनी-निर्जीव प्रक्रिया में बदलने को उतारू हैंI इन आदेशों को थोपने का मतलब स्कूलों को पुलिसिया निगरानी, जासूसी और जेलनुमा माहौल के हवाले करना होगाI साथ ही, ये निर्णय सार्वजनिक धन के ग़ैर-ज़िम्मेदार व्यय को दर्शाते हैंI अंततः बायोमेट्रिक हाज़िरी लागू करने व कक्षाओं में सीसीटीवी लगाने से न केवल स्कूलों के लोकतान्त्रिक व आकादमिक चरित्र को आघात पहुँचेगा, बल्कि यह शिक्षकों की गरिमा व आत्म-सम्मान पर सीधा हमला हैI
लोक शिक्षक मंच इन फ़ैसलों का कड़ा विरोध करते हुए इन्हें तत्काल वापस लेने की माँग करता हैI
सधन्यवाद  

सदस्य, संयोजक समिति            सदस्य, संयोजक समिति              सदस्य, संयोजक समिति
लोक शिक्षक मंच                   लोक शिक्षक मंच                   लोक शिक्षक मंच           

प्रतिलिपि:
उपराज्यपाल, दिल्ली          

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